रिपोर्टिंग में फिल्म बीट भयला सँ हमारा हर तरह के फिल्म देखअ पड़इया। एहि सूची में नीक आ खराब दूनों तरह के फिल्म होइत अछि। मुदा, एहि सप्ताहक फिल्म वेलकम टू सज्जनपुर बहुत दिन के बाद हमरा एकटा नींक फिल्म लागल। ओना फिल्मके निर्देशक श्याम बेनेगल अपन फिल्ममें गंभीरता के लेले प्रसिद्ध छैथ। लेकिन एहि बेर ओ व्यंग्य आ हास्य के सहारा लेने छैथ। मुदा फिल्म देखब त जानब की एहि फिल्म में अपान सबहक लोकतंत्र के बारे में एकटा प्रासंगित स्टेटमेंट अछि।
फिल्म में श्रेयस तलपदे महादेव कुशवाहा के रोल कैने छैथ। सज्जनपुर में एकटा वैह मात्र लोक छिथिन्ह जे पइढ़-लिख सकैत छैथ। हुनकर नायिका बनल छथिन्ह अमृता राव आ हुनाक गामक लड़की बनअ में कोनों विशेष मेहनत करअकै ज़रुरत नहिं पड़लैन। महादेव गामक लोकनि के चिट्ठी पत्री लिखैत छथि। एहि दौरान सरपंची के चुनाव हौई छै, आ एहि बहाने निर्दशक गाम राजनीति के पर्दाफास करैत छथि।
अंधविश्वास के मारल एकटा पीसी( इला अरुण) अपन मांगलिक बेटी के विवाह कुक्कुर सँ करेवाक प्रसंग आहां के हंसेबो करत आ सोचइपर मजबूर करत। इला अरुण के स्वाभाविक अभिनय देखकअ मन होइ त अछइ जे अपन तथाकथित भोजपुरी सुपरस्टार नायिका आ नायक लोकनि के कहियैन कि देखियउ ओ इला जी के अभिनय देखू आ कछु सीख लियअ। भोजुरी सँ याद आएल फिल्म में रविकिशन मेहमान एकटा रोल में छैथ आ नींक अभिनय केने छैथ।
संगीत पक्ष कनि कमोजोर जरुर छै लेकिन लोकेशन आ पटकथा में कोनो कमजोरी नईं दिखाई पड़ल। हमरा तरफ सँ फिल्म के पांच में सँ चारि अंक। इ फिल्म जरुर देखू..।
3 comments:
बड्ड नीक फिल्मी रिपोर्टिँग।
jarur dekhab bhaiji
jhamka delau.
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